बहुधात्विक पिण्डिका कार्यक्रम भारत के लिए आबंटित मध्य हिंद महासागर बेसिन (सीआईओबी) से पिण्डिका के संभावित अन्वेषण के लिए प्रौद्योगिकियों की खोज और विकास की ओर उन्मुख है। वर्तमान में, भारत के पास 75,000 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल है, जो इसके दक्षिणी सिरे से दूर 1,600 किमी में स्थित है। भारत शीर्ष 8 देशों / संविदाकारों में से एक है और जो बहुधात्विक पिण्डिका के अन्वेषण और उपयोग के लिए एक दीर्घ अवधि कार्यक्रम कार्यान्वित कर रहा हैं। बहुधात्विक पिण्डिका कार्यक्रम चार घटकों अर्थात् सर्वेक्षण और अन्वेषण, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए) अध्ययन, प्रौद्योगिकी विकास (खनन) और प्रौद्योगिकी विकास (निष्कर्षण धातुकर्म) को मिलाकर बना है।
कार्यक्रम से अपेक्षित डिलिवरेबल्स में बहु धातु खनिज अन्वेषण के लिए प्रासंगिकता संबंधी विस्तृत स्थल विशेष विषयगत नक्शे और इस क्षेत्र के लिए एक व्यापक भूवैज्ञानिक डेटाबेस शामिल होंगे।
जीआईएस का उपयोग करते हुए अन्वेषण क्षेत्र की सूक्ष्म स्थालाकृतिक रूपरेखाओं और संबंधित विश्लेषणों का सीमांकन करने के लिए उच्च विभेदन मानचित्र (3-डी और 2-डी) तैयार करना।
सीआईओबी नॉड्यूल युक्त क्षेत्र (प्रथम पीढ़ी खनन स्थल) में संभावित सीमाउंट जलतापीय निक्षेपों की समझ और आकलन।
(करोड़ रु)
योजना का नाम | 2012-13 | 2013-14 | 2014-15 | 2015-16 | 2016-17 | कुल |
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सर्वेक्षण और अन्वेषण | 15.00 | 15.00 | 15.00 | 15.00 | 15.00 | 75.00 |
Last Updated On 06/19/2015 - 10:25 |