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भागीदार एजेंसी सहयोग के क्षेत्र हस्ताक्षर की तिथि प्रमुख उपलब्धियां
इन्टरनेशनल सी बेड अथॉरिटी, किंग्स्टन, जमैका पॉलीमेटेलिक नोड्यूल्स (पीएमएन) और पॉलीमेटेलिक सल्फाइड (पीएमएस) की खोज के लिए अनुबंध।
पॉलीमेटेलिक नोड्यूल्स: दि काउंसिल ऑफ द इंटरनेशनल सीबेड अथॉरिटी (ISA) ने 10 अगस्त 2017 को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस), भारत सरकार और आईएसए (कन्वेंशन ऑन लॉ ऑफ दि सी के तहत स्थापित एक संस्थान, जिसमें भारत एक पक्षकार है) के बीच 5 वर्ष (2017-22) की एक और अवधि के लिए पॉलीमेटेलिक नोड्यूल (पीएमएन) के अन्वेषण हेतु अनुबंध के विस्तार को मंजूरी दी। अन्वेषण अनुबंध के तहत, भू-सांख्यिकीय मूल्यांकन प्रगति पर है। पर्यावरण डेटा प्राप्त कर लिया है। गहरे समुद्र में खनन प्रणाली के घटकों को एकीकृत किया जा रहा है। निष्कर्षण धातु विज्ञान में अनुसंधान और विकास जारी है. मध्य हिंद महासागर बेसिन में 75000 वर्ग किमी क्षेत्र का अन्वेषण 12 किमी ग्रिड पर किया गया है और भू-सांख्यिकीय मूल्यांकन प्रगति पर है। परिवर्तनशीलता और जैव विविधता से संबंधित पर्यावरणीय आंकड़े एकत्र किए गए हैं जिनका विश्लेषण किया जा रहा है। दूर/रिमोट से संचालित सबमर्सिबल को विकसित किया गया है, जिसे 6000 मीटर की गहराई पर संचालित किया जा सकता है और खनन प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से विकसित करने पर काम जारी लक्ष्य धातुओं अर्थात कॉपर, निकेल, कोबाल्ट के निष्कर्षण का प्रदर्शन उदयपुर के सेमी कंटीन्यूअस प्रायोगिक संयंत्रों में किया गया है। निष्कर्षण धातु विज्ञान में अनुसंधान और विकास जारी है। भारत ने 17 जुलाई 2019 को किंग्स्टन, जमैका में इंटरनेशनल सीबेड अथॉरिटी के 25वें सत्र के दौरान एक साइड इवेंट का आयोजन किया और पिछले 4 दशकों में पॉलीमेटेलिक नोड्यूल सहित गहरे समुद्र में खनिजों के अन्वेषण से संबंधित कार्य का प्रदर्शन किया। भारत ने 2018 में किए गए कार्य की अपनी वार्षिक रिपोर्ट 29 मार्च, 2019 को इन्टरनेशनल सी बेड अथॉरिटी को प्रस्तुत की।
 
भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसके पास हिंद महासागर में 2 अन्वेषण अनुबंध हैं। पीएमएन कार्यक्रम के तहत विकसित संचालनों का उपयोग करते हुए आईएमएमटी में वर्तमान में दो वाणिज्यिक विकासात्मक गतिविधियां चलाई जा रही हैं:
 
1. मिधानी और अशुद्ध (इम्प्योर) को हाइड्रॉक्साइड (शुद्धिकरण तथा कॉपर और निकल इलेक्ट्रोविनिंग यूनिट संचालन) के लिए स्क्रैप से कॉपर और निकल की रिकवरी
 
एमओआईएल , नागपुर के लिए क्षारीय और ली-आयन बैटरीज जैसे बैटरी अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त निम्न-ग्रेड एमएन अयस्कों से उच्च शुद्ध इलेक्ट्रोलाइट मैंगनीज डाइऑक्साइड (ईएमडी) की रिकवरी –और 10,000 टीपीए ईएमडी प्लांट (ईएमडी इलेक्ट्रोविनिंग) का डिजाइन। पॉलीमेटेलिक सल्फाइड: सितंबर, 2016 में हस्ताक्षरित पॉलीमेटेलिक सल्फाइड पर अन्वेषण के लिए इंटरनेशनल सीबेड अथॉरिटी के साथ भारत सरकार के पंद्रह वर्षीय अनुबंध के तहत, हाइड्रोथर्मल सल्फाइड के अन्वेषण पर कार्य जारी है। समुद्री भूभौतिकीय सर्वेक्षण किए गए और पर्यावरणीय बेसलाइन पर कार्य किया जा रहा है। हाइड्रोथर्मल वेंट के क्षेत्रों का पता लगाने के लिए भारत को आवंटित क्षेत्र में रॉड्रिक्स ट्रिपल जंक्शन प्वाइंट के पास सेंट्रल इंडियन रिज में क्रूज किए गए हैं। इस उद्देश्य के लिए, अनुसंधान पोत चार्टर किया गया। भूभौतिकीय और समुद्र विज्ञान संबंधी डेटा को चट्टान के नमूनों के साथ एकत्र किया गया। डेटा और नमूनों का प्रसंस्करण किया गया है और उनका विश्लेषण किया जा रहा है। भारत ने 17 जुलाई 2019 को किंग्स्टन, जमैका में अंतर्राष्ट्रीय समुद्र तल प्राधिकरण के 25वें सत्र के दौरान एक साइड इवेंट का आयोजन किया और पिछले 4 दशकों में पॉलीमेटेलिक सल्फाइड सहित गहरे समुद्र में खनिजों के अन्वेषण से संबंधित कार्य का प्रदर्शन किया। भारत ने 29 मार्च, 2019 को इंटरनेशनल सीबेड अथॉरिटी को अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की।