पीएफजेड और समुद्र दशा पूर्वानुमान कार्यक्रमों की उपलब्धियां राष्ट्रीय आर्थिक और अनुप्रयुक्त अनुसंधान केंद्र के नवीनतम अध्ययन में दर्शाई गई है कि तमिलनाडु के लगभग ~90 प्रतिशत मछुआरे और पूर्वी राज्यों, आंध्र प्रदेश और उड़ीसा के 64 प्रतिशत मछुआरे समुद्र दशा सूचना परामर्शिकाओं से अवगत है और इनका उपयोग करते हैं। अध्ययन में आगे बताया गया है कि उपग्रह सूचना पर आधारित पीएफजेड की वैज्ञानिक पहचान के कारण कुल वार्षिक निवल आर्थिक लाभ 34000 से 50000 करोड़ रु. की रेंज में हैं। आईएनसीओआईएस ने सेटलाइट से तैयार एसएसटी, क्लोरोफिल, पानी की स्पष्टता और मॉडल आधारित मिश्रित परत की गहराई के आधार पर तूना प्रजाति के लिए परामर्शिकाएं परिचालित की।
वर्तमान में, 25x25 कि. मी. ग्रिड के स्थानिक विभेदन तथा 1/8°x1/8° ग्रिड पर (अर्थात लगभग 13 कि. मी. विभेदन) अन्य पैरामीटरों को लेकर तरंग पूर्वानुमान प्रदान किए गए हैं। उपरोक्त कथित पैरामीटरों पर पूर्वानुमान प्रदान करने के अलावा आईएनसीओआईएस ने भारतीय क्षेत्र के अंदर 137 बड़े और छोटे पत्तनों पर प्रचालन ज्वार पूर्वानुमान (ज्वार का उठना) भी स्थापित किए हैं। एक अन्य उपयोगी सेवा, ''उच्च तरंग एलर्ट'' को तटीय समुदाय के लिए बहुत उपयोगी पाया गया है।
ताप तनाव को एक संकेतक मानते हुए कोरल स्वास्थ्य बुलेटिन प्रति दो सप्ताह में जारी किया जाता है जिसमें हॉट स्पॉट सम्मिश्रित (ब्लिचिंग के शुरूआत संकेत), ताप सप्ताहों की डिग्री (डीएचडब्ल्यू) (ब्लिचिंग की तीव्रता) और समय श्रृंखला सेटेलाइट अवलोकनों की जानकारी दी जाती है। वर्तमान में इस सेवा में कच्छ की खाड़ी, मन्नार की खाड़ी, लक्षद्वीप और अण्डमान तथा निकोबार द्वीप समूहों के कोरल परिवेश शामिल हैं।
वर्तमान में, आईएनसीओआईएस डेटा बैंक में स्व-स्थाने डेटा के लगभग 17,00,000 रिकॉर्ड हैं। अन्य उल्लेखनीय उपलब्धियां उपग्रह डेटा के उत्पादन और पुरालेख में सुधार, आईएनसीओआईएस में भू स्टेशन का उपयोग करते हुए इन्हें हर दिन डाउनलोड करना और किसी अन्य स्थान से डेटा डाउनलोड करना (सेटलाइट डेटा की वर्तमान धारिता लगभग 5 टेराबाइट है) और विशेष डेटा उत्पाद तैयार करना (एग्रो डेटा सीडी जिसमें लगभग 1,40,000 तापमान और लवणता की रूपरेखा 2001 – 2010 के बीच प्राप्त की गई है)।
प्रचार-प्रसार में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि नई पीढ़ी के इलैक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड (ईडीबी को विकसित करना) तथा इस्तेमाल करना है जो आईएनसीओआईएस में सर्वर के साथ संचार करता है और अपने आप अनिवार्य जानकारी प्राप्त करता है (पीएफजेड परामर्शिकाएं और समुद्र दशा पूर्वानुमान) जो उस स्थान के लिए संगत है जहां इसे लगाया गया है। 12वीं योजना के दौरान आईएनसीओआईएस द्वारा भारतीय तट के साथ विभिन्न स्थानों पर लगभग 100 नए ईडीबी लगाए गए हैं।
लक्षद्वीप के द्वीपों की तटरेखा में आने वाले बदलावों को पहचानने के लिए 12वीं योजना के दौरान तटीय भू स्थानिक अनुप्रयोगों को शामिल करते हुए अनेक परियोजनाएं आरंभ की गई थी, इनमें कोरल रीफ का मानचित्रण और तटीय सुभेद्यता सूचकांक (सीवीआई) नक्शों को तैयार करना शामिल है। अंडमान और निकोबार लक्षद्वीप द्वीपसमूह सहित भारत की संपूर्ण तटीय रेखा के लिए 1:100000 पैमाने पर सीवीआई मानचित्र और अंडमान तथा निकोबार द्वीपसमूहों में कोरल रीफ के मानचित्र लगभग पूरे हो गए हैं।
भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र, हैदराबाद
डेटा और मॉडलिंग सूचना और पूर्वानुमान सेवाओं का सारांश होने के नाते डेटा सेट की गुणवत्ता और मौजूदा मॉडलों की शुद्धता में सुधार लाने के सघन प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा स्थान विशिष्ट, पैरामीटर विशिष्ट पूर्वानुमान हेतु नए मॉडलों का विकास किया जाएगा।
उपग्रह डेटा में बादलों के दूषण से पीएफजेड परामर्शिका तैयार करने के लिए इसके उपयोग सीमित हो जाते हैं। इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए उपलब्ध उच्च विभेदन डेटा का उपयोग करने के लिए उच्च विभेदन मॉडलिंग वाले डेटा लिए जाएंगे।
महासागर के पैरामीटरों का पूर्वानुमान (तरंग, धारा, एसएसटी आदि) तट के समीप और भारत के आस पास के समुद्रों में लगाने के लिए सुरक्षित नौवहन और अन्य समुद्री गतिविधियां अनिवार्य हो गई हैं। इस आवश्यकता को मौजूदा महासागर मॉडलों और उन्नत प्रसार प्रणालियों में सुधार के माध्यम से पूरा किया जाएगा।
डेटा प्रबंधन और जानकारी उत्पादन तथा इनके प्रसार को अवलोकन प्रणालियों में नई प्रौद्योगिकी और वृद्धि के माध्यम से सुधार लाया जाएगा।
मछली पकड़ने, नेविगेशन, समुद्री उद्योग आदि के लाभ के लिए संभावित मछली पकड़ने के तालाब, टुना मछली पकड़ने के तालाब, समुद्र दशा पूर्वानुमान पर मछुआरों को नियमित परामर्श।
डेटा संग्रह, डेटा उत्पाद और प्रसार
1:50000 पैमाने में भारतीय तटीय का सीवीआई नक्शे
कोरल रीफ के स्वास्थ्य, हानिकारक शैवाल ब्लूम, आदि पर नियमित परामर्श
परामर्श, डेटा और डेटा उत्पादों का उपयोग करने पर प्रयोक्ताओं और नीति निर्माताओं के लिए प्रशिक्षण
(करोड़ रु. में)
योजना का नाम | 2012-13 | 2013-14 | 2014-15 | 2015-16 | 2016-17 |
कुल |
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एकीकृत महासागर सूचना सेवाएं | 15.00 | 16.00 | 15.00 | 14.00 | 13.00 | 73.00 |