i) संभावित मत्स्य क्षेत्र (पीएफजेड) परामर्शी सेवाएं : सुदूर संवदेन प्रौद्योगिकी का उपयोग कर संभावित मछली पकड़ने वाले क्षेत्रों (पीएफजेड) की पहचान के आधार पर मत्स्य परामर्शी सेवा की एक अनूठी प्रणाली का संचालन किया गया है। नवाचारी और नई पहलों जैसे कि मछली पकड़ने के बंदरगाहों पर इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड और सूचना कियोस्क, रेडियो, प्रिंट मीडिया, ई-मेल और वेब साइटों के पूरक फैक्स तथा टेलीफोन और मोबाइल के माध्यम से सप्ताह में तीन बार स्थानीय भाषाओं में पीएफजेड परामर्शी सेवाएं तैयार की जाती है और स्थानीय माप इकाइयों के 225 से अधिक नोड्स को प्रसारित की जाती हैं। पीएफजेड और समुद्र स्थिति पूर्वानुमान के बारे में जानकारी के प्रसार के लिए चयनित तटीय क्षेत्रों में 97 इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड स्थापित किए गए थे। इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड (ईडीबी) इंकॉइस सर्वर के साथ संचार करता है और जहां इसे स्थापित किया गया है वहां से ये उस स्थान से संबंधित आवश्यक सूचना (पीएफजेड परामर्शी सेवाएं और समुद्र स्थिति पूर्वानुमान) स्वचालित रूप से प्राप्त करता है ।
पीएफजेड मानचित्रों के अलावा, नवंबर 2010 में इंकॉइस ने सैटेलाइट से प्राप्त एसएसटी, क्लोरोफिल, पानी की स्पष्टता और मॉडल आधारित मिश्रित परत गहराई के आधार पर टूना प्रजातियों के लिए भी परामर्शी सेवाएं चालू की है।
ii)समुद्र स्थिति पूर्वानुमान : जनवरी 2009 में, समुद्री लहरों और हिंद महासागर के सतह और उपसतह पैरामीटरों के मौजूदा पूर्वानुमानों को एकीकृत करते हुए हिंद महासागर पूर्वानुमान प्रणाली (आईएनडीओएफओएस) को आरंभ किया गया। वर्तमान में, प्रणाली अग्रिम 5-7 दिनों के लिए लहर की ऊंचाई, लहर की दिशा, समुद्र सतह के तापमान (एसएसटी), सतह धाराओं, मिश्रित परत गहराई (एमएलडी) और 20 डिग्री से. इजोटेर्म की गहराई पर पूर्वानुमान प्रदान करती है। यह प्रणाली जनवरी 2010 से कार्य कर रही है। आईएनडीओएफओएस के लाभार्थी हैं : पारंपरिक और यंत्रचालित मछुआरे, समुद्री बोर्ड, भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल, शिपिंग कंपनियां तथा तेल और प्राकृतिक गैस उद्योग, ऊर्जा उद्योग और शैक्षणिक समुदाय।
वर्तमान में, 25x25 कि.मी. ग्रिड के एक स्थानिक विभेदन और 1/8°x1/8° ग्रिड (अर्थात ~ 13 कि. मी. विभेदन) पर अन्य पैरामीटरों (एसएसटी, एमएलडी आदि) पर लहर पूर्वानुमान प्रदान किए जाते हैं। उपरोक्त उल्लिखित पैरामीटरों पर पूर्वानुमान उपलब्ध करवाने के अतिरिक्त, इंकॉइस ने 11वीं योजना के दौरान भारतीय क्षेत्र के साथ-साथ 137 बड़े और छोटे बंदरगाहों पर प्रचालनात्मक ज्वार के पूर्वानुमानक (ज्वार की ऊंचाई) स्थापित किए है। ग्यारहवीं योजना के दौरान शुरु की गई ‘उच्च लहर चेतावनी’ नामक एक अन्य उपयोगी सेवा को तटीय समुदाय के लिए अत्यधिक उपयोग पाया गया है।
पीएफजेड और समुद्र स्थिति पूर्वानुमान कार्यक्रमों की उपलब्धियों पर राष्ट्रीय आर्थिक और अनुप्रयुक्त अनुसंधान केंद्र द्वारा हाल ही में किए गए अध्ययन से पता चलता है कि तमिलनाडु में 90 प्रतिशत मछुआरें और पूर्वी राज्यों, आंध्र प्रदेश, और उड़ीसा में 64 प्रतिशत मछुआरें इस सुविधा से अवगत है और वे इंकॉइस द्वारा सृजित और उपलब्ध करवाई जा रही समुद्री स्थिति सूचना के साथ इन परामर्शी सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं। अध्ययन में आगे इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि उपग्रह सूचना के आधार पर पीएफजेड की वैज्ञानिक पहचान के कारण कुल वार्षिक शुद्ध आर्थिक लाभ 34, 000-50,000 करोड रु. के बीच में रहने का अनुमान है।
iii)कोरल रीफ मैप :सभी कोरल रीफ क्षेत्रों के लिए कोरल रीफ मानचित्र तैयार किए गए । थर्मल तनाव को एक संकेतक मानते हुए, हर दो सप्ताह में प्रवाल स्वास्थ्य बुलेटिन जारी किए गए, जिसमें ब्लीचिंग की तीव्रता के संकेतक के रुप में हॉट स्पॉट कम्पोसाइट्स (ब्लीचिंग के प्रारंभिक लक्षण) और गर्म सप्ताहों की डिग्री (डीएचडब्ल्यूएस) का संकेत दिया गया । सैटेलाइट अवलोकनों की समय श्रृंखला भी प्रदान की जाती है। वर्तमान में, इस सेवा में कच्छ की खाड़ी, मन्नार की खाड़ी, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के प्रवाल वातावरण को शामिल किया गया।
iv) समुद्री डेटा प्रबंधन और प्रसार : समुद्र विज्ञान से संबंधित सभी डेटा को इंकॉइस में संग्रहीत किया जा रहा है जिसमें वास्तविक समय में स्वस्थाने और रिमोट सेंसिंग महासागर अवलोकन प्रणालियों से प्राप्त स्थूल और विषम डेटा सेट शामिल हैं। इस केंद्र को अंतर-सरकारी समुद्री वैज्ञानिक आयोग (आईओसी) के अंतरराष्ट्रीय समुद्री विज्ञान डेटा और सूचना विनियम (आईओडीई) कार्यक्रम के द्वारा राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान डेटा सेंटर (एनओडीसी) के रूप में नामित किया गया है। समुद्री डेटा और सूचना प्रणाली (ओडीआईएस) एक ऐसी प्रणाली है जो विभिन्न स्थानिक और कालिक डोमेन पर भौतिक, रासायनिक और जैविक पैरामीटरों पर डेटा और जानकारी प्रदान करती है। यह सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सुधारों को अपनाने से विकसित संपूर्ण समुद्री डेटा प्रबंधन प्रणाली है। वर्तमान में, इंकॉइस अभिलेख में 140000 से अधिक लवणता और तापमान प्रोफाइल शामिल हैं। उपलब्ध डेटा सेटों में एग्रो फ्लोट, नौबंध ब्वॉयज, ड्राफ्टिंग ब्वॉय, एक्सबीटी, धारा मीटर, ब्वॉय, ज्वार मापी, तल दाब रिकार्डर, तटीय राडार, वेब राइडर ब्वॉय, स्वचालित मौसम स्टेशनों आदि से प्राप्त डेटा शामिल हैं। डेटा बैंक में ~17,00,000 रिकॉर्ड रखे गए हैं। रिमोट सेंसिंग डेटा में एनओएए, एवीएचआरआर, मोडिस (टेरा और एक्वा), ओशनसैट – 1, एल्टीमीटर, टीएमआई, क्वास्कैट, सीविफ्स, आदि शामिल हैं। विभिन्न समुद्री प्रेक्षण प्रणालियों से वास्तविक समय में प्राप्त डेटा के अलावा, डेटा सेंटर हिंद महासागर क्षेत्र के लिए मॉडल आउटपुट, पुनर्विश्लेषण डेटा सेटों और उपग्रह डेटा उत्पादों से प्राप्त डेटा को डाउनलोड और संग्रहीत भी करता है। सैटालाइट डेटा ~ 5 टीबी का हैं। इंकॉइस में स्थापित लाइव एक्सेस सर्वर (एलएएस) का व्यापक रूप से समुद्र विज्ञान समुदाय द्वारा डेटा चयन, दृश्यकरण और ऑन फ्लाई ग्राफिक्स के सृजन हेतु उपयोग किया जाता है।