विमानन क्षेत्र में सटीक पूर्वानुमान उपलब्ध करवाने के लिए मौसम पूर्वानुमान (भविष्यवाणी) एक चुनौती रहा है। वैश्विक वायु जहाज़रानी की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, नियमितता और कार्यकुशलता में योगदान देने के उद्देश्य से विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) और अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) द्वारा उपलब्ध कराए गए मानकों और दिशानिर्देशों के अनुसार अपने देशों में सतत् मॉनीटरन और चेतावनी प्रणालियों की स्थापना करके राष्ट्रीय मौसम विज्ञानी सेवाएं विश्वभर में मौसम विज्ञानी प्रेक्षण और पूर्वानुमान प्रदान कर रही हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) भारत में एक राष्ट्रीय एजेंसी है, जो विमानन, मौसम विज्ञानी सेवाओं से संबंधित सभी मामलों में उत्तरदायी है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फ्लाईटों के उड़ाने भरने उतरने और मार्ग के पूर्वानुमानों के संबंध में सुरक्षित और कुशल प्रचालन के लिए विमानन सेवाएं प्रदान की जाती हैं। ये सेवाएं चार अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्टों चेन्नै, कोलकाता, मुंबई और नई दिल्ली तथा 68 अन्य विमानन मौसम विज्ञान कार्यालयों में मौसम विज्ञान निगरानी कार्यालय (एमडब्लयूओ) के नेटवर्क के माध्यम से प्रदान की जाती है। विमानन मौसम विज्ञानी कार्यालय विमान प्रचालनों की सुरक्षा, किफ़ायत और कुशलता के लिए एयरपोर्ट विशेष से संबंधित मौजूदा मौसम रिपोर्टें, पूर्वानुमान और चेतावनियाँ उपलब्ध कराता है। इसके मद्देनज़र एक चरणबद्ध तरीके से देशभर के विभिन्न एयरपोर्टों के आधुनिकीकरण के साथ समन्वय रखते हुए समर्थन प्रणालियों की स्थापना करने के लिए अत्याधुनिक प्रेक्षण प्रणाली के माध्यम से यंत्रीकरण को उन्नत और उसका विकास किए जाने की निरंतर आवश्यकता है।
(क) लक्ष्य:
- प्रमुख एयरपोर्टों के लिए रनवे स्थानों पर एयरपोर्ट मौसम विज्ञानी उपकरणों (एएमआई) को अपग्रेड करना।
- चार महानगरीय एयरपोर्टों के लिए विमानन मौसम निर्णय समर्थन प्रणाली (एडब्लयूडीएसएस)
- एयरक्राफ्ट मौसम विज्ञान डेटा रिले (एएमडीएआर) का कार्यान्वयन।
(ख) प्रतिभागी संस्थान :
भारत मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली
(ग) कार्यान्वयन योजना :
- वर्ष 2011-12 से आरंभ करके 42 एयरपोर्टों को अपग्रेड करने का कार्य पूरा किया जाना है।
- 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 50 नए एयरपोर्ट शुरू/प्रचालित किए जाने की संभावना है। इन 50 एयरपोर्टों के लिए 60 अतिरिक्त ऐरोड्रॉम मौसम विज्ञानी कार्यालयों की आवश्यकता पड़ेगी। एक बहु-प्रेक्षणात्मक सुविधा प्रत्येक एयरपोर्ट मॉनीटरन पैरामीटरों पर स्थापित की जाएगी जो विमानन सुरक्षा से संबंधित होगी और जो आपदाकारी स्थितियों के निर्धारण के लिए स्वत: कार्य करेगी।
(घ) डेलीवरेबल्स:
12वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक भारत के मुख्य एयरपोर्टों में प्रौन्नत विमानन सहायक सेवाएं।
(ङ) बजट आवश्यकता
विदेशी विनिमय घटक सहित बजट आवश्यकता: 200 करोड़ रु.
(करोड़ रु. में)
स्कीम का नाम | 2012-13 | 2013-14 | 2014-15 | 2015-16 | 2016-17 | कुल |
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कृषि मौसम विज्ञान | 73.00 | 61.00 | 36.00 | 15.00 | 15.00 | 200.00 |